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छत्रपति शिवाजी महाराज(Hindi Poem)

छत्रपति शिवाजी महाराज जीजाबाई का वो बहादुर लाल था,  देशद्रोही दुश्मनों की मौत का काल था।  गोरिल्ला युद्ध नीति का वो जनक था,  हिन्दु प्रथाओं और शिष्टाचारों का रक्षक था।  मराठवाड़ा का वो एकछत्र सम्राट था,  दुश्मनों के सिर पर वो मौत की आहट था।  था वो ग़रीब, शोषित और पीड़ितों का मसीहा,  जीवन भर संघर्षों में जिया ये यदुकुल सिम्हा।  वो युद्ध कौशल, नीति और साहस की मूर्ति,  जिसकी आज भी फैली हुई है सुकीर्ति। डा ललित फरक्या "पार्थ"

वाणी से मिठास कम न हो ( Hindi Poem)

 वाणी से मिठास कम न हो आपकी वाणी से मिठास कम न हो, औरों का दिल जीतने का साहस हरदम हो। वाणी ही गैरों को अपना है बनाती, बनाकर अपना उन्हें दिल में बसाती। वाणी से ही प्रेम को मिलता सम्बल है, इसके बलबूते ही होते भाव प्रबल है। वाणी की कर्कशता फैलाती द्वैष है, इसकी मधुरता मिटाती हर क्लेश है। जिसकी वाणी में नियम संयम है वही सहयोग-सहृदयता-समर्पण का संगम है। डा ललित फरक्या "पार्थ"

तुम्हारी नादानियाँ (Tumhari Nadaniyaan) Hindi Poem

 तुम्हारी नादानियाँ...... तुम्हारी नादानियाँ ही मुझे बैचेन करती है मेरे दिन का चैन और रातों की नींदें छिनती है तुम्हारी नादानियाँ ही मुझे पग-पग पर ख़ुशियों की परिभाषा समझाती है तुम्हारी नादानियाँ ही मेरी रूह में सूकून का  आलम भर जाती है तुम्हारी नादानियाँ ही मेरे जीवन में खुशियाँ बनकर छा जाती है। डा ललित फरक्या ३१/०१/२०२४

आप मिल ‌जाइए

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गले लगाकर रोया वो

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हँसते चेहरों से है ज़िन्दगी

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रंग भर लीजिए

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